अर्थवेद में शंख बजाने के बारे में निर्देश देते हुए कहा गया है कि शंख अंतरिक्ष, वायु, ज्योतिमंडल और सुचर्ण में संयुक्त होता है । शंखनाद से शत्रुओं का मनोबल कमजोर होता है । शंख विश्व रक्षक और रोग-शोक, अज्ञान और निर्धनता को मिटाकर आयु को बढाने वाला होता है । पूजा-अर्चना के समय जो शंखनाद करता है, उससे सभी पाप नष्ट हो जाते है । भारतीय वैज्ञानिक डॉं. जगदीश चंद्र बसु के शोध के मुताबिक एक बार शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहॉं तक जाती है वहॉं तक की अनेक बिमारियों के कीटाणु स्पंदन से मुर्च्छित हो जाते है । यदि प्रतिदिन शंखनाद किया जाए तो वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है ।
इष्ट देव श्री बागेश्वर बाबा की स्थापना
10 वर्ष पहले
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