शास्त्रों में प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य नमस्कार करने की बात कही गई है । इस नियम के पीछे बहुत ही वैज्ञानिक कारण है । सूर्य की किरणों से हमें विटामिन डी प्राप्त होता है । हमारी त्वचा सूर्य की किरणों के साथ मिलकर विटामिन डी का निर्माण करती है । इसके अतिरिक्त इस विटामिन डी की आवश्यकता पूरी होती है और साथ ही शरीर का समुचित व्यायाम हमें बीमारीयों से दूर रखता है । हड्डियॉं मजबूत बनती है औंर जोडों के रोग नही होते है । सूर्य नमस्कार एक साथ विटामिन और शरीर के व्यायाम, दोनों ही बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करता है ।
इष्ट देव श्री बागेश्वर बाबा की स्थापना
10 वर्ष पहले
Achhee jankaree..snehil swagat hai!
जवाब देंहटाएंSahi kaha aapne!
जवाब देंहटाएंSwagat hai!
हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें
जवाब देंहटाएंaapka swagat hai !
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