मार्ग चलत मोहि मिल गए ज्ञानी ।
उन प्रभाव ते मम कठोर उर, होगयो पानी पानी ।।
ज्ञानी गुरू मम भये, और मै उनको शिष सानी ।
दीप ज्ञान को मिलो, दियो तेज बड दानी ।।
मै, नहिं जानी, फेर हुआ का मम जीवन प्रभु जानी ।
जीवन बदलो, स्वंय बदल गयो, ध्यान रही गुरू बानी ।1
बढते पथ पर जायें सदा, अनध पडें अज्ञानी ।
चन्द्र भानु बिन सदगुरू दीपक, सत्पथ तुम्हें न पानी ।।
मार्ग चलत मोहि मिल गये ज्ञानी ....
द्वारा- डॉं चन्द्रभान गुप्ता
इष्ट देव श्री बागेश्वर बाबा की स्थापना
10 वर्ष पहले
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