जन लो, सदगुण को आधार ।
जग रहि सब दिन अवगुन कीन्हा, अब तो सोच विचार ।।
छोड कुसंगत करि सत्संगत, गुन लहु सबहि प्रकार ।
तहि जानिहों असली ज्ञानी, बुरे कर्म तजि डार ।।
चल सुमार्ग लखि लक्ष्य आपुना, पथ करि दे उजियार ।
चन्द्रभानु निज किरनन से कर, दूजन को उपकार ।।
जन लो सदगुण को आधार ....
रचनाकार डॉं चन्द्रभान गुप्ता
इष्ट देव श्री बागेश्वर बाबा की स्थापना
10 वर्ष पहले