मन में फिर फूल खिलने लगे है,
आशाओं के दीप फिर जलने लगें है ।
आसमान में पहले दिखती थी कालीमा,
अब रूपहले इन्द्र धनुष से बनने लगें है ।।
मुस्कान से भी पहले जो करते थे नफरत,
दिल खोलकर हँसने लगें है ।
कटे-कटे से रहना जिनकी थी आदत,
अब दौडकर गले मिलने लगें है ।।
सम्मेलन हमारे लिए लाया है ढेरों सौगातें,
स्वागत में पाँवडे बिछने लगें है ।
मजबुरी से लगते थे पहले सामाजिक रिशतें,
अब सुनहरे ख्वाब से लगने लगें है ।।
पूनमचंद गुप्ता (पट्टू)
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010
सोमवार, 12 अप्रैल 2010
समाज का गौरव
डॉं राहुल गुप्ता स्वर्ण पदक प्राप्त करने के बाद |
डॉ. राहुल गुप्ता ने एमबीबीएस और ( एमएस ईएनटी सर्जरी ) बी.जे.मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद से किया जिसमें उन्होनें गुजरात विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक अर्जित किया है. फिर वह मई 2009 में ईएनटी में विशेषता के लिए डी एन बी की परीक्षा दी है. उत्कृष्टता के लिए अपनी खोज में, डॉ. राहुल गुप्ता को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं और ईएनटी बीमारियों में विशेषज्ञता के साथ लोगों की सेवा करना चाहते है. उसके माता पिता भी डॉक्टर है । पिता डॉं चन्द्रभान गुप्ता प्रभागीय चिकित्सा अधिकारी के रूप में I.R.M.S.Cadre, Govt. of INDIA at Western Railways, Ahmedabad. पदस्थ है. ।
डॉं राहुल गुप्ता अपने पिता डॉं चन्द्रभान गुप्ता एवं माता डॉं मीना गुप्ता के साथ |
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